'महाराणा प्रताप सा' सॉन्ग का श्रीजी डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने किया लॉन्च

'महाराणा प्रताप सा' सॉन्ग का श्रीजी डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने किया लॉन्च राजस्थान के युवा अभिनेता पीयूष देवराज राणा का लीड रोल, सिटी पैलेस में हुआ भव्य आयोजन
महाराणा प्रताप सा सॉन्ग लॉन्च

national jagruk
2025-06-01 11:57:17

उदयपुर.महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती पर 'महाराणा प्रताप सा' गीत लॉन्च शनिवार को महाराणा प्रताप के वंशज श्रीजी डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ सिटी पैलेस में किया। यह गाना महाराणा प्रताप की वीरता एवं शौर्य के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि है। यह गाना पीयूष देवराज राणा पर फिल्माया गया है जिन का संबंध मेवाड़ से है। महाराणा प्रताप के रोल को बड़ी बेखूबी से निभाया है। इस गाने की शूटिंग जयपुर के विभिन्न स्थानो पर हुए जिनमें प्रमुख रूप से मंडोता किला शामिल है। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि आज के दौर में संगीत महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व एवं सोच को लोगों तक पहुंचाने का माध्यम बना है। मुझे उम्मीद है कि संगीत के माध्यम से देश, मिट्टी एवं स्वाभिमान के प्रति युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। इस गाने को लॉन्च करने के लिए अंग्रेजी तारीख नहीं बल्कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती की हिंदी तिथि को चुना गया है जिससे यह पता चलता है कि आज की युवा पीढ़ी संस्कृति के प्रति जागरुक है। पीयूष देवराज राणा ने कहा कि महाराणा प्रताप से संबंधित इस गीत में काम करना कोई चुनौती नहीं था। इस गाने में महाराणा प्रताप के शौर्य को दिखाया गया है। इससे पहले इस क्षेत्र में मेरा कोई अनुभव नहीं है। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस गाने से जुड़ पाया। मैं भविष्य में राजस्थान के संस्कृति और परंपराओं का युवा पीढ़ी में प्रचार प्रसार करूंगा। इस गाने के संगीतकार देवव्रत शर्मा है जबकि म्यूजिक डायरेक्टर कुमार दीपक है। इस गाने में नृत्य निर्देशन का कार्य डीसी डेविड ने किया है जबकि इस गाने का निर्देशन धर्मेंद्र के रॉय ने किया है।

इस गाने के निर्माता पीयूष मेहता है। यह गीत महाराणा प्रताप के अदम्य साहस, स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष और मेवाड़ की स्वाभिमानी विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। महाराणा प्रताप (9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597), मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के 13वें शासक, भारतीय इतिहास में अपनी वीरता, दृढ़ संकल्प और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के लिए अमर हैं।

यह गीत वीर महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा एवं देश भक्ति को समर्पित है जिनकी विरासत आज भी लोगों को प्रेरित करती है।

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