national jagruk 2024-08-09 23:43:24
जयपुर। राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ जयपुर महानगर के तत्वाधान में आम्बागढ़ दुर्ग पर आम्बा माता परिसर में शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ विश्व आदिवासी दिवस समारोह मनाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी समाज पंच पटेलो, महिलाओं एवं युवाओं ने सामाजिक जागृति का आह्वान करते हुए आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया ऒर एक स्वर में कहा कि ये आरक्षण खत्म करने की साजिश है। सोमवार अल सुबह से ही रिमझिम बारिश के बीच आदिवासी समाज के लोग गलता की पहाड़ियों पर स्थित आम्बागढ़ दुर्ग पर पहुंचना शुरू हो गया और करीब 11 बजे आम्बा माता की पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
करीब 4 घंटे चले कार्यक्रम में राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नाथूलाल बैनाड़ा, जयपुर महानगर अध्यक्ष हरिनारायण मीणा एवं पदाधिकारियों ने कहा कि आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है उसके पीछे केंद्र सरकार की मंशा सही नहीं है, अगर केंद्र सरकार सही पैरवी करती तो ऐसा नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट का
फैसला आदिवासियों पर कुठाराघात है। आरक्षण को खत्म करने की साजिश है और इसके पीछे बड़ा षड्यंत्र है। इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । इस मुद्दे पर जल्द एक बड़ी मीटिंग बुलाने का निर्णय लिया गया। समारोह में कहा गया कि आदिवासी समाज
के लोगों की भूमियों पर अतिक्रमण किया जा रहा है, परंपरागत रोजगार खत्म हो रहे हैं यह बड़ा सोचनीय विषय है। जल, जंगल व जमीन पर आदिवासियों का हक है लेकिन उन्हें बेदखल किया जा रहा है जबकि होना यह चाहिए कि जो गैर आदिवासी
कब्जा कर रहे हैं
उन्हें बेदखल किया जाए। कार्यक्रम में आदिवासी एकता पर जोर दिया गया। सामाजिक उत्थान के लिए बच्चों को पढ़ाने, शिक्षा के प्रचार प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत बताई। आम्बागढ़ दुर्ग पर आम्बा माता मंदिर परिसर के संरक्षण के लिए विशेष पहल का आह्वान किया। कार्यक्रम में आम्बा माता आम्बागढ़ दुर्ग आदिवासी मीणा समाज एवं सेवा समिति के अध्यक्ष रामगोपाल मीणा, आयोजन समिति अध्यक्ष सोहनलाल मीणा, जयपुर महानगर महामंत्री हनुमान सहाय मीणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नानग राम मीणा, कार्यालय सचिव दामोदर मीणा सहित अन्य पदाधिकारी ने अपने विचार व्यक्त किए। और अंबागढ़ दुर्ग व आम्बा माता परिसर के संरक्षण का प्रस्ताव पारित किया गया। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम व लोक कलाकारों की प्रस्तुति
बेहद आकर्षक का केंद्र रहा । लोक कलाकार रामजीलाल बाढ़ एवं उनकी टीम व स्थानीय कलाकारों ने विभिन्न प्रस्तुतियां देकर आदिवासी समाज के उत्थान, जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए जागरूकता पर लोकगीत पेश किएं। इस दौरान महिलाओं ने भी पारंपरिक लोकगीत पर नृत्य पेश कर कार्यक्रम में चार चांद लगाए।
सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों मे शामिल होने पर...
आम्बागढ़ दुर्ग पर हर्षोल्लास के साथ मनाया विश्व आदिवासी दिवस...